संत पीपा जी की आत्मकथा गौरवशाली
सतिगुरु नानक देव जी महाराज के अवतार धारण से कोई ४३ वर्ष पहले गगनौर (राजस्थान) में एक राजा हुआ, जिसका नाम पीपा था| अपने पिता की मृत्यु के बाद वह राज तख्त पर विराजमान हुआ| वह युवा तथा सुन्दर राजकुमार था| वजीरों की दयालुता के कारण वह कुछ वासनावादी हो गया तथा उसने अच्छी से अच्छी रानी के साथ विवाह कराया…
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पीपा महाराज ने मुगलों से लोहा लेकर विजय हासिल की
दिल्ली के तत्कालीन सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने पीपा महाराज पर आक्रमण कर दिया। महाराजश्री ने मुगलों से लोहा लेकर विजय हासिल की , लेकिन युद्ध में जमीन से जल तक के रक्तपात को देख उनका मन भक्ति की ओर उन्मुख हो गया। एक सफल शासक के तौर पर युद्ध लड़ने और उसके बाद हमेश…
संत पीपा जी जीवनी
संत पीपा जी कालीसिंध नदी पर बना प्राचीन गागरोंन दुर्ग संत पीपा की जन्म स्थली रहा है. इनका जन्म विक्रम संवत् 1417 चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को खिचीं राजवंश परिवार में हुआ था. वे गागरोंन राज्य के वीर साहसी एवं प्रजापालक शासक थे. शासक रहते हुए उन्होंने दिल्ली सल्तनत के सुलतान फिरोज तुगलक से संघर्ष करके विज…
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शिक्षा के मंदिर में हम बच्चों का चरित्र निर्माण करें! – डा. जगदीश गांधी
विद्यालय' में आकर बालक का चरित्र शिक्षकों के द्वारा 'क्लासरूम' में ही गढ़ा जाता है। जिस तरह एक कुशल शिल्पकार अनगढ़ पत्थर को गढ़कर उसे सुन्दर मूर्ति का रूप दे देता है। उसी प्रकार एक कुशल, चरित्रवान शिक्षक या गुरू भी बालक को गढ़कर उसे चरित्रवान इंसान बना सकता है। गुरू शब्द दो अक्षरों के योग स…
जीवन में कुछ पाना है तो झुकना होगा, कुएं में उतरने वाली बाल्टी झुकती है, तब ही पानी लेकर आती है|
सतिगुरु नानक देव जी महाराज के अवतार धारण से कोई ४३ वर्ष पहले गगनौर (राजस्थान) में एक राजा हुआ, जिसका नाम पीपा था| अपने पिता की मृत्यु के बाद वह राज तख्त पर विराजमान हुआ| वह युवा तथा सुन्दर राजकुमार था| वजीरों की दयालुता के कारण वह कुछ वासनावादी हो गया तथा उसने अच्छी से अच्छी रानी के साथ विवाह कराया…